नव संवाददाता, पूर्वी दिल्ली :
विकास मार्ग स्थित पूर्वा सांस्कृतिक केंद्र में महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की याद में साहित्य प्रेमी मंडल के तत्वावधान में निराला श्री सम्मान समारोह स्वर गंगा कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस दौरान मध्य प्रदेश, जयपुर, दिल्ली व मथुरा समेत कई राज्यों के कवि पहुंचे। कवियों ने गीत, गजल, हास्य व्यंग्य की रचनाओं के साथ ओजस्वी रचनाओं से महफिल में समाबांधा। इससे पूर्व महाकवि निराला की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गई।
इसकी अध्यक्षता कवि डॉ. हरिओम पंवार ने की। वहीं देश की व्यवस्था पर कुठाराघात करते हुए शहीदों पर रचनाएं सुनाकर श्रोताओं को आत्म विभोर किया। साहित्यकार डॉ. शंकर देव अवतरे ने महाकवि निराला के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि निराला निर्भीक व स्वाभिमानी कवि थे। उन्होंने कविताओं से लोगों में प्रेरणा जगायी। जयपुर के हास्य कवि संजय झाला ने हास्य व्यंग्य पर कई रचनाएं सुनाईं। मथुरा की कवियत्री पूनम वर्मा ने सरस्वती वंदना कर रचनाएं पढ़ीं। मध्य प्रदेश के हास्य कवि माणिक वर्मा की रचनाओं ने श्रोताओं का खूब मनोरंजन किया। उन्हें 15वें निराला श्री सम्मान से नवाजा गया। मंच संचालन डॉ. प्रवीण शुक्ल ने किया। कवि पदम अलबेला, ने साहित्य प्रेमियों की वाहवाही लूटी। इस मौके पर कवि जगदीश सोलंकी, विनोद त्यागी, प्रवेश दिवाकर, निर्दोष शर्मा, राजेंद्र, शिक्षा विद जगत प्रकाश शर्मा, राजेश कुमार समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।