नव संवाददाता, पूर्वी दिल्ली :
भले ही शाहदरा रेलवे स्टेशन का कायाकल्प किया जा रहा हो, पर यात्रियों को मिलने वाली सुविधा की अब भी दरकार है। पानी के साथ जनसुविधा केंद्र का अभाव है। रेलवे आरक्षण केंद्र परिसर में बने शौचालय की स्थिति ठीक नहीं है। शौचालय पर ताला जड़ा है और चाभी संबंधित अधिकारियों के पास होती है। जनसुविधा केंद्र के अभाव में यात्री इधर-उधर भटकते हैं।
रोजाना 70 हजार यात्री 96 ट्रेनों के माध्यम से शाहदरा स्टेशन का उपयोग करते हैं। प्लेटफार्म नंबर दो-तीन पर जनसुविधा केंद्र तो है मगर महिलाओं के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। प्लेटफार्म संख्या चार पर भी कुछ ऐसी ही हालत है, वहीं प्लेटफार्म नंबर एक पर सामान्य यात्रियों के लिए कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। दैनिक यात्री संघ के महासचिव एमबी दूबे बिजनौरी का कहना है कि प्लेटफार्म एक पर बना प्रतीक्षालय फिलहाल वातानुकूलित यात्रियों के लिए है। रेलवे बोर्ड से शिकायतों के बाद प्रतीक्षालय आम यात्रियों के लिए खोला गया, लेकिन वर्ष-2009 में स्टेशन की नई बिल्डिंग तैयार होने के बाद रेलवे प्रशासन ने फिर से प्रतीक्षालय का बोर्ड हटाकर वातानुकूलित का बोर्ड लगा दिया। इसमें द्वितीय व सामान्य वर्ग के यात्रियों का प्रवेश वर्जित है। इसके लिए रेलमंत्री तक को पत्र लिखा गया है, वहीं आरक्षण केंद्र स्थित महिला-पुरुष शौचालय पर ताला लटका रहता है। सुखवीर का कहना है कि आरक्षण के लिए लंबी लाइनें लगती हैं। घंटों समय व्यतीत करना पड़ता है। शौचालय पर ताला लगे होने से कई बार परेशानी का सामना करना पड़ता है, वहीं मामले में रेल प्रशासन का कहना है कि शौचालय की चाभी आरक्षण अधिकारी के पास उपलब्ध है। यात्रियों के चाभी मांगने पर शौचालय खोल दिया जाता है।